है ज़रा सा सफर
गुजर जाएगा ये भी
धूप की तापिस में
साया भी मिल जाएगा
बादल जो रोये आज बहुत
कल वो भी मुस्कुराएगा
ये किस्सा हवा का छोड़
पत्थर दिलो को तोड़ा
ज़िंदगी के हज़ार रास्तो में
मेरी मंज़िल को रास्ता मिला
आखरी ख़्वाहिश जो थी मेरी
उसको सहील का किनारा मिला
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