Monday, 16 April 2012

मीडिया और प्रेस को को देश का चौथा स्तम्भ माना जाता है , या इनको देश का दर्पण कहा जा सकता है जो देश कि असली सूरत को दर्शाता हो ।
अक्सर हम आम जन नेताओ , ढोंगी बाबाओ पर विरोध जताते है कि इन लोगो ने जनता को ठगा है । पर "मीडिया " का विरोध  नहीं करते ।
पर आज मीडिया और प्रेस ने अपने अधिकारो का गलत उपयोग कर ना सिर्फ देश कि जनता को गुमराह करने का काम किया बल्कि राजनेताओ और निर्मल बाबा जैसे ढोंगियों के साथ जनता को ठगने में बराबर के भागीदार बन चुके है ।
बक़ौल निर्मल बाबा , यह ढोंगी हर महीने का 17 लाख चैनल वालों को देता है अपने कार्यक्रम के प्रसारण के लिए ।
देश की जनता इन मीडिया और प्रेस पर इतना भरोसा करते जितना खुद पर नहीं , पर जनता के भरोसे के साथ मीडिया भी खिलवाड़ करने में पीछे नहीं रहा ।

मीडिया कहता है कि निर्मल बाबा की सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए महीनो से निर्मल बाबा के ठिकाने और रिश्तेदारों से मिल कर जानकारी जुटा रहा है
तो अगर चैनल वालों को जरा भी शक है किसी पर तो उनके कार्यक्रम क्यूँ प्रसारित किए जिसकी वजह से लाखो लोग ठगी के शिकार हुए ,

मीडिया को कोई भी प्रसारण करने से पहले उस कार्यक्रम या व्यक्ति के बारे में पूर्ण जांच करना चाहिए , सिर्फ पैसो के लिए ,स्वार्थी बन कर बिना जांच पड़ताल  के ही कोई कार्यक्रम को प्रसारण क्यूँ किया जाता है ।

आज निर्मल बाबा जैसे पाखंडियों की समाज में जड़े मजबूत करने वाला मीडिया ही है , लोग टीवी पर देखे कार्यक्रम से प्रभावित होकर इस ढोंगी के ठगी का शिकार हुए है ।

मीडिया को पैड न्यूज़ के दलदल से बाहर निकाल कर ,अपने काम को कर्तव्यनिष्टा से करना होगा , जनता में अपने विश्वास को बनाकर रखना है तो निष्पक्ष होकर अपना कार्य करना होगा ।

मीडिया और प्रेस को सही मायानों में लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ  बनाना होगा ।

No comments:

Post a Comment