सीरवी(राठौड़ )
मेरी कलम से ........
Sunday, 8 April 2012
एक आदमी रोटी बेलता है ,
एक आदमी रोटी खाता है ,
एक तीसरा आदमी भी है ...
जो ना तो रोटी बेलता है ना रोटी खाता है
वह सिर्फ रोटी से खेलता है ,
मैं पूछता हूँ कि यह तीसरा आदमी कौन है
मेरे देश की संसद मौन है
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