अजनबी देश में
अजीब भेष में
लोग परिंदो की तरह आए
चंद पल चहचहाए
प्यार के गुण वो गए
फिर मंज़िल की तरफ अपनी
वो कूँच कर जाएँ
मिलन की खुशी दें
ज़िंदगी एक नयी दें
परदेश में भी वो
एहसास अपने होने का दिलाएँ
आंखो में इंतज़ार रहें
ता उम्र उनकी वापसी के
मगर मेहमान की तरह
पल भर के लिए वो आए
फिर मंज़िल की तरफ अपनी
वो कूँच कर जाएँ
अजीब भेष में
लोग परिंदो की तरह आए
चंद पल चहचहाए
प्यार के गुण वो गए
फिर मंज़िल की तरफ अपनी
वो कूँच कर जाएँ
मिलन की खुशी दें
ज़िंदगी एक नयी दें
परदेश में भी वो
एहसास अपने होने का दिलाएँ
आंखो में इंतज़ार रहें
ता उम्र उनकी वापसी के
मगर मेहमान की तरह
पल भर के लिए वो आए
फिर मंज़िल की तरफ अपनी
वो कूँच कर जाएँ
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