देखा था हमने एक सपना प्यारा
तेरे आने के बाद
खुशियों से भर गया छोटा सा संसार हमारा
अनुपम सुन्दरता की मूरत है तू , इस जीवन की ज़रुरत है तू ,
सौंदर्य की रानी दिखती है, परियों से भी खुबसूरत है तू |
तुझे देखता हूँ अपलक नज़रों से हर पल ,
इस जीवन के पुण्य पर्व का, पूर्ण पावन महूरत हैं तू
दमक रहा है रूप तेरा जैसे अम्बर का कोई तारा,
देखा था हमने एक सपना प्यारा
तेरे आने के बाद
खुशियों से भर गया छोटा सा संसार हमारा
कोमल तेरे गाल है ऐसे, मानो पुष्प पंखुड़ियों पर ओस के मोती,
तेरी प्यारी बोली सुनकर , होती अनन्त सुख की अनुभूति |
समक्ष उसके चंद्रमा भी मलीन दिखता है,
दिव्यमान स्वरुप तेरा , पा कर स्वयं लक्ष्मी की ज्योति |
शीतल स्वच्छ यह स्वरुप उसका, मानो नदिया की हो धारा,
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