बड़े बड़े महानुभव और ज्ञानी कहते है सत्य के बिना संसार नहीं चलता | मगर क्या वाकई में ऐसा है कि सत्य के बिना संसार नहीं चलता | आज के हालत और लोगो को देखा जाये तो नहीं लगता | लोगो के व्यवहार और हालत देख कर तो जाहिर है झूठ के बिना संसार नहीं चलता | हमारे सभी रिश्ते नाते झूठ कि बुनियाद पर टिके हुवे है | परदे के पीछे कि ज़िन्दगी का सच अगर हम ईमानदारी से सार्वजानिक कर दे , तो सोचिये क्या होगा ? पति -पत्नी में झगडा होने के बाद एक दुसरे के प्रति मन में जो बुरे ख्याल आते है ,अगर वह एक दुसरे को हु ब हु बता दे तो .. यह तो निश्चित कि एक सप्ताह में तलक हो जायेगा | लोग एक दुसरे की पीठ पीछे जो कहते है ,आहार वह मुँह के सामने कह दे तो दुनिया में दो दोस्त भी नहीं बचेंगे | हम अपने मन के सच को दबाकर बाहर के (दिखावा) झूठ से संसार चलाते है | अब तो आप सहमत है न कि संसार झूठ कि बुनियाद पर चलता है | मगर हाँ ,धर्म में झूठ बिलकुल नहीं चलता है |
:- राजू सीरवी (राठौड़)
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