Saturday, 26 November 2011

::अब तो जागो::

अब तो जाग ऐ देश के बन्दे 
मत बनो तुम सब देखकर भी अंधे 
हो गए राजनीतिक बहुत ही गंधे 
चलाते है खुद गैर क़ानूनी धंधे 
जनता को लुटने के है सैकड़ो हथकंडे 
आम जनता पर बरसते है रोजाना डंडे 
गरीब फिरते बिना कपड़े और अधनंगे 
नेता दिखते हर पल हेंडसम और चंगे 
मौज मानते हर पल,सन्डे हो या मंडे 
इश्क भी फरमाते यहाँ बूढ़े मुश्कंडे 
वोट के खातिर जनता को बनाते भीखमंगे 
कुर्सी हासिल करने के लिए करवा देते है दंगे
किस तरह अंधे हुए ये राजनीति के पण्डे 
दिखते नहीं इनको सामने रखे देश के उल्टे झंडे
टैक्स के नाम पर मांगते है यहाँ चंदे 
उसी चंदे से पीते है कभी गरम तो कभी ठन्डे 
आंखे खोल चेत जा ऐ सोये हुए बन्दे 
नहीं तो यही भ्रष्ट नेता बनेंगे तेरी फांसी के फंदे 
जागो इंडिया जागो 
:-राजू सीरवी (राठौड़)

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