Wednesday, 16 November 2011

SAVE THE EARTH

save the earth, save the earth
we must save the earth
 ये झीलों का पानी ,ये पेड़ो की छाव
मत करो बर्बाद इनको , रखो इनसे लगाव 
ये नदिया ये झरने ,ये धरती ये अम्बर 
खैर करो इनकी भी ,खो न जाये ये समंदर
 save the earth, save the earth
we must save the earth
काटो न इन बेजुबान पेड़ो को
नहीं तो सहना पड़ेगा धुप के थपेड़ो को
स्वच्छ रखो नदियों का पानी
 वरन पानी भी रह जायेगा सिर्फ एक कहानी
काटो ना सर इन पहाड़ो का
ऋतुये बदल जाएगी ,मौसम ना आयेगा झाड़ो का
save the earth, save the earth
we must save the earth
सूरज की तपिस बढ़ जाएगी
धरती उगलेगी अंगारे
एक बूँद पानी को तरसोगे
वक़्त रहते अगर ना समझा रे
यह वाहनों की रेलमपेल
बदल गया मौसम का खेल
इन्सान की क्रूरता से ना होगा
सागर और नदियों का मेल
save the earth, save the earth
we must save the earth
आओ करे एक प्राण मिलकर हम सब
होगा ना प्रकृति पर अत्याचार अब
एक पेड़ लगाकर हमको है पलना
होगा जीवन में कृतव्य हमारा
लक्ष्य हमारा धरती को बचाना
सब के होटों पर मुस्कान लाना
 save the earth, save the earth
we must save the earth
:-राजू सीरवी (राठौड़)

No comments:

Post a Comment