Sunday 6 November 2011

::चरित्र की ताकत::



मैंने एक प्रसंग में सुना था और बहुत अच्छा लगा था | महात्मा गाँधी जी जहा सोते थे ,और सुबह उठते ही उस स्थान पर उनके तकिए के नीचे से दारू की बोतल पाई जाती है | पुलिस आयी छापा मारा और शराब की बोतल मिली तो उससे पूछा जाये कि " कहा से बरामद हुई ? तो कहेंगे " बापूजी के तकिए के नीचे से " तब पुलिस बापूजी से पूछेगी नहीं | पुलिस यह कयास लगाएगी कि " बापू के तकिए के नीचे यह बोतल कौन दुष्ट छोड़ गया "
यह ताकत है गाँधी जी के चरित्र की | पुलिस की हिम्मत नहीं होगी गाँधी जी से पूछने की . तुरंत छानबीन शुरू हो जाती ,कि यह काम किया किसने है | कौन गाँधी बापू के तकिए के नीचे शराब कि बोतल रख कर गया ,बापू को बदनाम करने के लिए .
अच्छे चरित्र कि यही पहचान है , और यही चरित्र कि ताकत है |
:-राजू सीरवी(राठौड़)

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