Tuesday 7 November 2017

Virtual दुनिया की चोट असल ज़िन्दगी पर न ठोके

एक बात पूछना चाहता हूँ ,

क्या किसी के विचारों का विरोध करना व्यक्तिगत विरोध माना जायेगा ??

फिर तो हर कोई बंधु अपनी पोस्ट के नीचे #नोट अवश्य लिखा करे कि

"इस पोस्ट पर सिर्फ मेरी पसंद के कमेंट ही लिखा करे "

अरे यह सोशल मीडिया है हर इंसान की अपनी अपनी थ्योरी है अपनी अपनी विचारधारा है ,

मतभेद को मनभेद क्यों बनाते ?
संयम रखो ,धैर्य से सब के विचारों को पढ़ो , अभद्र शब्दो लिख कर फूहड़ता का परिचय नही देना चाहिए ।

सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसे भी होते जब उनके पर डिबेट के लिए जवाब नही हो तो अभद्र शब्द ,जबरदस्ती पार्टी पक्ष के सर्टिफिकेट थमाने लग जाते,
अरे भाई जब तर्कसंगत जवाब नही तो इग्नोर कर दो न ,छोटे थोड़ी हो जाओगे .. पर कम से कम शब्दों की मर्यादा का तो ख्याल रखो , हिंदी को तो शर्मसार मत करो ।

मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूँ कि यह सोशल मीडिया है यहां भांति भांति के लोग है सबकी अपनी अपनी सोच है ,कोई भी डिबेट हो स्वच्छ डिबेट हो ,सही शब्दो का चयन करो ,शुध्द शब्द लिखो ताकि सोशल मीडिया का सदुपयोग हो सके,