Wednesday 29 February 2012

कल रात अँधेरी रात थी,
अचानक मुझे सिसकिया सुनाई दी,
मै सकपकाया ,
मेरे ही घर में ये कौन आया,
मैं घबराया ,
पीछा किया उन सिसकियों का और
मेरे मन को रोता पाया ,
मेरा मन रो रहा था,
आँसू बहा रहा था ,
बाल नोच रहा था ,
बिलख रहा था ,
आख़िर मुझसे देखा नहीं गया ,
रहा नहीं गया ,
मैंने उससे पूछ ही डाला,
तू काहे को रो रहा है
वो बोला महंगाई से मैं झुलस गया हूँ ,
खाने पिने को तरस गया हूँ,
मैं तीन दिन से भूखा हूँ,
मगर भूख सहता हूँ,
क्यों की मेरे पास मोबाईल है ,
मैं अपने दोस्तों से,
मन भर के बाते जो करता हूँ,
चलो मुझे तिनके का सहारा तो मिला,
मेरा चेहरा तो रहता है खिला खिला,
क्या हुआ यदि खाने को कुछ न मिला । 
उस ठूंठ को मैं देख रहा हूं
वह मेरे सामने है ,
उसकी काया मेरी तरह है
फर्क इतना है कि ,
वह जीवन से हार गया,
मेरी जंग जारी है।

पता है पहले वह हरा-भरा था
चिड़ियां चहचहाती थीं उसपर
कितना आंनद था
कितना सुहानापन था।

आज वह सूना है
कोई पास नहीं,
लेकिन देखो न फिर भी वह खड़ा है
यह जीवन की दास्तान है
कभी शुरु हुई थी,
अब खत्म हो रही है।

रुखापन सिमटा हुआ
मेरे साथ चल रहा है
विवशता का आदि होना पड़ता है
समय ही ऐसा है।

अगर कोई चौराहा है
तो सभी रास्ते एक से हैं
वही वीरान राहे हैं
जहां हमेशा सूखी हरियाली शरण लिए रहती है
एहसास होता है कि कुछ नमी अभी बाकी है।
 
एक लड़का , एक लड़की से प्यार करता है , पर लड़की पूछती " तुम मुझसे प्यार क्यूँ करते हो , कारण बताओ । लड़के ने कहा " कारण तो नहीं है पर इतना जानता हूँ की मैं तुमसे प्यार करता हूँ ।
लड़की - तुम मुझे भी कारण नहीं बताओगे ? तो तुम कैसे कह सकते हो कि तुम मुझसे प्यार करते हो ?
लड़का -सच मुझे कारण पता नहीं है पर मैं साबित कर सकता हूँ कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ ।
लड़की - नहीं ! मैं कारण जानना चाहती हूँ , मेरी दोस्त के प्रेमी उनको कारण बता सकते तो तुम क्यूँ नहीं ?
लड़का - ठीक है ! मैं तुमसे प्यार करता हूँ क्यूँ कि तुम खूबसूरत हो , तुम्हारी voice अच्छी है ,तुम carring हो ,तुम बहुत प्यारी हो , तुम thoughtful हो , तुम्हारी smile अच्छी है , तुममे वो सब खूबी है , इसलिए मैं तुमसे प्यार करता हूँ ।

एक दिन unfortunately एक दुर्घटना में लड़की कोमा में चली गई
लड़के ने एक latter लिखा और लड़की के पास रख दिया
उसमे लिखा था
dearest
तुम्हारी आवज अच्छी थी तो मैं तुमसे प्यार करता था पर क्या अब तुम बोल सकती हो ? नहीं ! इसलिए मैं तुमसे प्यार नहीं करता ,
तुम अच्छी care करती थी इसलिए मैं तुमसे प्यार करता था , पर अब तुम नहीं कर सकती , इसलिए अब मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकता ।
तुम्हारी मुस्कान और तुम्हारी सब खूबियों से मैं तुमसे प्यार करता था पर अब वो सब नहीं रहा इसलिए मैं तुमसे प्यार नहीं करता ।
अगर प्यार करने के लिए कारण जरूरी है तो मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकता , जैसे अब कोई कारण है ही नहीं तुम्हें प्यार करने के लिए ।
क्या सच में प्यार करने के लिए कारण चाहिए ?
नहीं !
इसलिए मैं तुमसे अभी भी प्यार करता हूँ क्यूँ की मैं किसी कारण वस तुमसे प्यार नहीं करता , क्यूँ कि प्यार करने के लिए कोई कारण कि जरूरत नहीं होती ।
कभी किसी से प्यार करो तो , इसका अफसोस मत करो कि तुम क्या करते हो , अफसोस इसका करो कि तुम क्या नहीं कर सकते हो ,
If God brings u to it...He will bring u through it

नमस्कार दोस्तो ! खबर "कुछ भी बोल ,पर पोल खोल " में आपका स्वागत है ।
अरविंद केजरीवाल ने कहा सांसद लूटेरे ,हत्यारे और बलात्कारी है , इस पर कुछ नेताओ ने कहा " यह संसद का अपमान है ।
मंत्री लाखो करोड़ो के घोटाले करते वो अपमान नहीं ?
किसी दलित लड़की का बलात्कार किसी राजनीतिक का नजदीकी करता वो अपमान नहीं
मंत्री गुंडागर्दी करते , लोगो का शोषण करते , वो अपमान नहीं
मंत्री ने शिक्षक को थप्पड़ मारा , वो अपराध नहीं
मंत्रियों ने अवैध खनन किया , वो अपराध नहीं

सरकार इसे संसद का अपमान नहीं कहेगी , जवाब होगा जांच चल रही है ।

किसी ने कहा अन्ना टीम सिर्फ गाली गलोच करना जानती है
और आप सांसद और मंत्री गुंडागर्दी , हत्या ,बलात्कार , भ्रष्टाचार , आम जन का शोषण करना जानते है ।
मंत्री जी ने कहा " अन्ना टीम ने जनता का अपमान किया जिसने इन सांसदो को चुन कर भेजा है ।

मंत्रीजी लोगो की गलती यही है कि ऐसे हरामी लोगो को जनप्रतिनिधि चुना है ,पैसो के लालच और एक दारू कि बोतल के लिए भ्रष्टाचारी , बेईमान और अपराधियों को यहा भेजा , वही चंद रुपये और दारू की बोतल आज जनता का शोषण कर रही है ।

मंत्री जी ने कहा केजरीवाल ने संसद और लोकतन्त्र का अपमान किया ।
मंत्री जी अपमान उसका होता जिसका कोई मान हो , संसद तो तब ही अपमानित हो गई जब भ्रष्टाचारी और अपराधी इस पवित्र संविधान के मंदिर में दाखिल हुए , और आप किस लोकतंत्र की बात कर रहे है , लोकतन्त्र नाम की कोई चीज़ रही ही नहीं तो अपमान काहेका !

अब तो सिर्फ मनमर्ज़ी तंत्र रह गया है , जब चाहा जिन चीज़ों के दाम बढ़ाओ , लोगो को बेवकूफ बनाओ , मनमर्ज़ी से खुद की जेब भरने के लिए टैक्स बढ़ाओ , कोई नहीं माने तो गोली खिलाओ , जनता को लूटो ,
यह सब इस सरकार की मर्ज़ी से होता तो कहा है लोकतन्त्र ????????

Seeds that are planted
Need the water to be grown

So the roots can blossom
From the seeds that are sewn

When the roots are grounded
And they have taken hold

It will start to sprout.
Now its time to mold

The mold and shaping
Into the new life
Therein

NOW
With grace and love

The blossoming can
Begin

Each step takes on
A life of its own

All this,
from
A small seed sewn

As each step in growth
Comes together as one

It brings forth
The glory
from the SON

Bringing forth the fruits
That by all
Can now be seen

By all,

Far and
in-between

This glory was meant
To be shared,

Not by a chosen few

It was mean for all


Yes,


Even

y---o---u


BE BLESSED BECAUSE YOU ARE LOVED!
 
स्वांग धरे तरै तरै
कुरता और टोपी धरे
देखो कैसे कैसे आए
संसद भवन में

बातें करे बड़ी बड़ी
जनता की है किसे पड़ी
वही तो नेता कहाए
संसद भवन में

राज राज करे बस
नीति सारी भूल जाएँ
हैं सारे छंटे-छंटाये
संसद भवन में

भूख से हैं मरते जहाँ
हजारों और लाखों लोग
ये बिना डकारे खाएं नहीं
संसद भवन में

इसे खरीद, उसे बेच, इसे जोड़, उसे तोड़
जैसे तैसे करके, लेते ये आकार हैं
ऐसे में भलाई की सुधि कब कौन लेवे
कहते हैं गठबंधन है, हम लाचार हैं
तुम्हारी तो परवाह करेंगे थोड़ा रुक कर
हाल-फिलहाल तो बचानी सरकार है
तुमने चुना, और चुनो, अब बैठे सर धुनों
पाँच साल हम बिताएं, संसद भवन में

कोई पांचवी है फ़ैल, कोई बीए एमए पास
अन्दर तो लगते सारे जाहिल गंवार हैं
इसने कही उसने सुनी, हो गई जो कहासुनी
हो जाती है गुत्थमगुथ्था, जूतमपैजार है
देख कर ये दृश्य सारे, अपने टीवी सैटों पर
देश की ये जनता होती कितनी शर्मसार है
शीत हो या मानसून सत्र, प्रश्न हो या शून्यकाल
मच्छी बाजार नजर आए संसद भवन में

चौरासी हो, बाबरी हो, बॉम्बे हो या हैदराबाद
कहीं न कहीं सबके अन्दर ही सूत्रधार हैं
कोई रचे खेलग्राम, कहीं कोई और संग्राम
सारे के सारे इनके महान शाहकार हैं
बिना लाज, बिना शर्म, करते जाएँ ऐसे करम
देश की जनता से नहीं, इनको सरोकार है
 
नमस्कार दोस्तो ! खबर "कुछ भी बोल ,पर पोल खोल " में आपका स्वागत है ।
दोस्तो आज जिस दौर से हिंदुस्तान गुजर रहा है शायद यह दौर आज़ादी या उससे पहले भी नहीं रहे होंगे । अंग्रेज़ जो यातना देते थे वो कुछ पल या कुछ दिन की हुई होगी पर यह हरामी सरकार जो आम जन को यतनाए दे रही है वो आज की पीढ़ी को ही नहीं देश की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रभावित करती रहेगी ,अगर हम इसी तरह आंखे खोल कर भी अंधे बने रहे तो !
आज हर राजनीति दल चुनाव के दौर में एक दूसरे की टांग खिचने में लगा है , इसमे ना तो बीजेपी पीछे है न कांग्रेस , सब एक दूसरे पर कीचड़ उछल रहे है , सब एक दूसरे की गलतिया दोहरा रहे है । गलतिया दोहराने से बेहतर होगा स्वयं कुछ बेहतर करके दिखाये , मैंने पहले भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल कि सरकार बनती तो वो अपना कार्यकाल दूसरों की गलतिया निकालने में ही पूरा कर देते है और चुनाव नजदीक आते ही कुछ लल्लू पंजू काम शुरू करवा कर लोगो को बेवकूफ बना देते है । बेवकूफ बनाए भी क्यूँ नहीं ""जब जनता बेवकूफ बनाने तैयार है तो उनके बाप का क्या जाता ""
कांग्रेस की माँ (सोनिया गांधी ) ने अपने बेटो को इतना कंट्रोल में रखा कि जब तक चाबी न भरे तब तक खिलौना खेल न दिखाये ।
सोनिया ने कहा "कांग्रेस ही स्थिर सरकार देगी " वाकई सही कहा कांग्रेस स्थिर सरकार ही दे सकती कोई काम करने वाली नहीं , हजारो लाखो करोड़ो के घोटाले फिर भी सरकार कुछ बोलती नहीं । कारवाई के नाम पर एक - दो को जेल भेज कर वापस बाहर निकाल दिया जाता । निकाले भी क्यूँ नहीं उनकी रोज़ी रोटी का सवाल है ।
कांग्रेस की माँ ने कहा " पार्टी अवैध खनन को कतई समर्थन नहीं देगी "
वह सोनिया मम्मी बहुत खूब -
अवैध खनन का समर्थन नहीं तो क्या हुआ भ्रष्टाचार को समर्थन दिया देश को बर्बाद करने में हाथ बंटाया और तुम सब कांग्रेसियों को अवैध खनन की इजाजत दे दी जाएगी , आखिर तुम सब की माँ हूँ तो बेटो की जरूरत पूरी करना माँ का फर्ज़ होता है । वाह वाह [देशी पप्पा ,विदेशी मम्मी(इनके पाँव जो पड़ते है भारतीय लोग ) ]

सोनिया जी ने कहा - दिल्ली में सरकार का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाता है , उसी तर्ज़ पर गोवा में भी सरकार की प्रगति सबके सामने लाई जाएगी
हा madam हमने देखा दिल्ली में क्या होता है और क्या प्रगति होती है , अवैध बंगले बनाए जाते वो भी सरकारी अफसरो से पूछ कर । दिल्ली में एक ईमानदार इंजीनियर के द्वारा गैर कानूनी काम का विरोध करने का फल हॉस्पिटल में जाकर मिला , और जब cm से इस बात का जिक्र हुआ तो शीला जी ने कहा " यह सब होता रहता है "
तो भईया कही आपके साथ भी ऐसा हो ना जाए जरा सोच संभाल कर ...
विरोधी दल पर हमला करते हुए सोनिया ने कहा - बीजेपी स्थिर सरकार नहीं दे सकती
भगवान करे ऐसा ही हो , उन्होने भी अगर स्थिर सरकार दे दी तो देश भी स्थिर ही रहेगा जैसे अभी है , देश पिछड़ा ही रह जाएगा अगर स्थिर सरकार आई तो , कोई काम करने वाला बंदा चाहिए देश को स्थिर रहने वाला बंदर नहीं नहीं ।
कहते कर्नाटक में बीजेपी सरकार क्या कर रही है
जवाब है हमारे पास - दूध का धुला कोई नहीं है कर्नाटक सरकार ब्लू फिल्मे देखती है :P और केंद्र सरकार ब्लैक फिल्म ,और मंच पर महिलाओ से छेड़छाड़ । काला धन जमा करना ,भ्रष्टाचार बढ़ाना और देश को गुमराह करना केंद्र सरकार की रग रग में बसा है ।
सोनिया ने कहा - कर्नाटक के लोग बीजेपी से तंग आ गए है
बिलकुल सही कहा सोनिया जी , तंग हो गए है कर्नाटक के लोग और उससे ज्यादा देश के लोग केंद्र सरकार से तंग आ गए जो हर महीने रसोई का बजट गड़बड़ कर रहे है ।
सोनिया ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वाले खुद भ्रष्टाचार में डूबे है
लाख रुपये की बात कही इटालियन चाची ने खुद कितने भ्रष्टाचार में डूबे वो भी जान लो सोनिया जी । आप की सरकार भ्रष्टाचार में इतनी गहरी डूब गई कि अब ऊपर आना भी नामुमकिन है ,
कांग्रेस भ्रष्टाचार फैलाने और देश को बर्बाद करने के लिए अपने घर परिवार तक को दांव पर लगा देते है , जैसे एक वैश्या अपनी मजबूरी के लिए अपनी इज्ज़त बेचती हो ।
सोनिया ने कहा - बीजेपी भरोसे लायक नहीं है
भरोसे लायक है कौन इस देश में , आजकल अपनों पर भरोसा नहीं तो गैरो पर कैसे होगा भरोसा ।
सोनिया ने कहा लोगो को रोजगार देगी
10 साल से सरकार तुम्हारी है ,10 साल में रोजगार नहीं दे सके अब क्या खाक देंगे ॥
गोवा वासियो सोच समझ कर चुनना अपना नेता वरना 5 साल तक रोने के सिवा कुछ नहीं होगा

ज़िंदगी हर पल अपने अर्थ बदलती रही
हम हँसते रहे चाहे रोते रहे
पर वो अपनी रफ्तार से बस बहती रही
कभी बन कर सवाल कभी बन कर जवाब
वो हमें हर मोड पर मिलती रही
हम टूटते रहे बिखरते रहे
फिर खुद ही गिर कर संभालते रहे
और ज़िंदगी युही जलती बुजती रही
गम मिले कुछ इस तरह कि गम ही गम ना लगे
खुशियों की बात भी हमें गम बनाकर मिलती रही
क्या करे किसी से शिकवा , क्या करे किसी से शिकायत
अपने ही जब तोड़ते रहे ....
तो सांस मेरी हर पल घुटती रही
बस ज़िंदगी युही चलती रही हर पल अपने अर्थ बदलती रही
 
बड़े बुजुर्ग कहा करते थे ,प्रतिस्परधा में किसी की रेखा को काटने की बजाय खुद की रेखा को ही बड़ा करना ही असल में योग्य व्यक्ति होता है । पर अब तो बूढ़ो का माथा ठनक गया । वैसे बूढ़ी तो हमारी दादी भी है पर आज भी ज्ञान की बाते बताती है ॥ मैं जिन बूढ़ो की बात कर रहा हूँ वो राजनीतिक बूढ़े है जिनका दिमाग आजकल घास चरने चला गया हो । बोलने वाला तो ऐसा बोलता कि उसको खुद को भी पता नहीं रहता कि वो क्या बोल रहा , और जो नहीं बोलता उनको पता ही नहीं कि बोले भी तो क्या बोले ,उसका मुह तो ऐसे बंद जैसे किसी ने fevikol से चिपका दिया है ।
आजकल रजीनीत के घमासान में यही हो रहा है दिग्विजय की जुबान बंद होती नहीं ,जो उनके मन में आया भोक दिये , जिस पर चाहा कीचड़ उछल दिये , और मनमोहन कि जुबान खुलती ही नहीं ।
वैसे कांग्रेसियों को राहुल की बड़ी चिंता होती है जब कोई उनके खिलाफ कुछ कर दे तो खैर नहीं , कांग्रेसी उनको RSS का एजेंट रामदेव समर्थक या और किसी का एजेंट बता देंगे जैसे आरएसएस या रामदेव बाबा कोई आतंकवादी हो ।
वैसे राजनीति को गंदा नहीं कहना चाहिए , गंदे तो राजनीतिक है , एक दूसरे पर आरोपो से ही बाज़ न आए , खासतौर से कांग्रेस तो आम आदमी को भी देशद्रोही बता सकती है ।
अगर कोई दल जीत कर सरकार बना लेता है तो वो ज़्यादातर समय विरोधियों की गलतियाँ गिनने में ही बिता देंगे , जनता से किए वादे तो उनको जूत चप्पल पड़ने पर याद आते है ।

आम जन को मैं इतना ही कहूँगा कि सोच समझ कर और सही पहचान कर ही अपना प्रत्यासी का चुनाव करना । जो रोज़ कानून का उलंगन करते है जीतने के बाद आपको बर्बाद करने के लिए भी कानून का उलंगन करेंगे । इतना सोच लो जो व्यक्ति विरोधियों कि गलतिया गिनाता रहेगा वो जनता का भला कभी नहीं कर सकेगा । दूसरों कि गलतिया गिनने कि बजाय खुद अच्छे काम कर के दिखाये ।
अगर कोई भी प्रत्यासी आपका भला नहीं कर सकता जनता का भला नहीं कर सकता तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 49 का उपयोग कर अपने अधिकार का प्रयोग जरूर करे ।
 
जब मैं छोटा था, शायद दुनिया
बहुत बड़ी हुआ करती थी..

मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक

का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां,
कुल्फी का ठेला , जलेबी की दुकान,
बर्फ के गोले, सब कुछ,

अब वहां "मोबाइल शॉप",
"विडियो पार्लर" हैं,
फिर भी सब सूना है..

शायद अब दुनिया सिमट रही है...

जब मैं छोटा था,
शायद शामें बहुत लम्बी हुआ करती थीं...

मैं हाथ में पतंग की डोर पकड़े,
घंटों उड़ा करता था,
वो लम्बी "साइकिल रेस",
वो बचपन के खेल,
वो हर शाम थक के चूर हो जाना,

अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है
और सीधे रात हो जाती है.

शायद वक्त सिमट रहा है..

जब मैं छोटा था,
शायद दोस्ती
बहुत गहरी हुआ करती थी,

दिन भर वो हुजूम बनाकर खेलना,
वो दोस्तों के घर का खाना,
वो लड़कियों की बातें,
वो साथ रोना...
अब भी मेरे कई दोस्त हैं,
पर दोस्ती जाने कहाँ है,
जब भी "traffic signal" पे मिलते हैं
"Hi" हो जाती है,
और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,

होली, दीवाली, जन्मदिन,
नए साल पर बस SMS आ जाते हैं,

शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं..
.
.
जब मैं छोटा था,
तब खेल भी अजीब हुआ करते थे,

छुपन छुपाई, लंगडी टांग,
गिल्ली डंडा , कट केक,
टीपी टीपी टाप.

अब internet, office,
से फुर्सत ही नहीं मिलती..

शायद ज़िन्दगी बदल रही है.
.
.
.
जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है..
जो अक्सर कबरिस्तान के बाहर
बोर्ड पर लिखा होता है...

"मंजिल तो यही थी,
बस जिंदगी गुज़र गयी मेरी
यहाँ आते आते"
.
.
.
ज़िंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है...

कल की कोई बुनियाद नहीं है

और आने वाला कल सिर्फ सपने में ही है..

अब बच गए इस पल में..

तमन्नाओं से भरी इस जिंदगी में
हम सिर्फ भाग रहे हैं..
ज़िंदगी को काटो मत ज़िंदगी को जियो
जी भर के जियो
 
आज का youngistan कहता है कानून तोड़ने के लिए ही बनाए है । सच आज हमको एहसास हो रहा कि युवा बिलकुल सही कह रहे है कानून होते ही तोड़ने के लिए । पर आम जन के लिए नहीं , कानून वही तोड़ सकता जिसकी जेब भारी हो या जो राजनीतिक हो तब ही वो कानून तोड़ने लायक समझा जाएगा , और अगर जिसकी जेब ही खाली हो और राजनीतिक का कोई जाना पहचाना न हो और कानून तोड़ देता तो उसकी हड्डीया जरूर टूट जाएगी ।
वैसे आजकल कोंग्रेसी कार्यकर्ता और कॉंग्रेस के युवराज का या तो दिमाग चुनावी टेंशन की वजह से खराब हो गया या यह देश के कानून को अपने घर का नौकर समझ बैठे है । पता नहीं लोग क्यूँ इनके पीछे भागते है , क्यूँ आँखों पर काला चसमा पहन लिया है , यह जानते हुए कि कांग्रेस के युवराज के भाषण देना भी नहीं आता ठीक से । वो जो भी बोलते है वो पहले से तैयार रट्टा मार कर आते है ।

पता नहीं क्यूँ लोग समझ नहीं रहे कि यह राजनीतिक जनता को कितने हद तक बेवकूफ बना रहे है ,यह लोगो को काले चसमे पहना कर आंखो पर मिर्ची डाल रहे है ।
जिनको खुद का भाषण याद नहीं रहे वो लोगो के वादे क्या याद रखेंगे ?
जो रोजाना कानून का उलंगन करते है कानून तोड़ते है कल अगर जीत गए तो लोगो कि हड्डिया तोड़ेंगे । यह जनता को थोथे वादे बहुत दिखते है क्यूँ कि उनको पता इस देश के लोगो को बेवकूफ बनाना कोई मुस्किल काम नहीं ।

देशवासियों आंखो से काली पट्टी हटाओ और ईमानदार और सही व्यक्ति की पहचान करो ॥ अगर कोई भी उम्मीदवार ईमानदार नहीं या जनता का भला करने वाला नहीं तो हमारे संविधान की एक धारा 49-O में एक प्रावधान है जिसके अनुसार किसी भी चुनाव में मतदाता पोलिंग बूथ पर जाये, अपनी पहचान और मतदाता क्रमांक साबित करे, अपनी उंगली पर स्य!ही लगवाये,
और फ़िर चुनाव अधिकारी से यह कहे कि मैं किसी को वोट नहीं करना चाहता।
अगर ऐसा करोगे तो आपका वोट भी बेकार नहीं जाएगा।

अगर आप वोट नहीं देंगे तो कोई ना कोई जीत ही जाएगा पर अगर अपने अधिकार का उपयोग किया तो हो सकता दोनों प्रत्यासी जीत ही ना पाये और पुनः उनको चुनाव में टिकिट भी नहीं मिलेगा
मान लीजिये कि आपके क्षेत्र से कोई प्रत्याशी 2500 वोटों से जीतता है, लेकिन यदि उसी क्षेत्र में 2501 वोट “मुझे किसी को वोट नहीं देना” वाली धारा 49-O के निकलते हैं तो न सिर्फ़ उस प्रत्याशी का चुनाव रद्द हो जायेगा, बल्कि जब पुनः चुनाव होंगे !
उस वक्त पिछले सारे प्रत्याशियों को चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिलेगा
 
कृपया अपने दोस्तो और परिचित लोगो को अवगत कराए और ज्यादा से ज्यादा इसको share करे ।
सावधान ! आपके पास जो 1000 और 500 के नोट है वो कही वो नकली तो नहीं ??
1000 के जाली नोटो का क्रमांक 2AQ ,6AC ,9BU 8AC ,
500 के जाली नोटो का क्रमांक 6AC ,9CG
रुपयों के आदान प्रदान में पूरी सावधानी बरतें । 
आज का youngistan कहता है कानून तोड़ने के लिए ही बनाए है । सच आज हमको एहसास हो रहा कि युवा बिलकुल सही कह रहे है कानून होते ही तोड़ने के लिए । पर आम जन के लिए नहीं , कानून वही तोड़ सकता जिसकी जेब भारी हो या जो राजनीतिक हो तब ही वो कानून तोड़ने लायक समझा जाएगा , और अगर जिसकी जेब ही खाली हो और राजनीतिक का कोई जाना पहचाना न हो और कानून तोड़ देता तो उसकी हड्डीया जरूर टूट जाएगी ।
वैसे आजकल कोंग्रेसी कार्यकर्ता और कॉंग्रेस के युवराज का या तो दिमाग चुनावी टेंशन की वजह से खराब हो गया या यह देश के कानून को अपने घर का नौकर समझ बैठे है । पता नहीं लोग क्यूँ इनके पीछे भागते है , क्यूँ आँखों पर काला चसमा पहन लिया है , यह जानते हुए कि कांग्रेस के युवराज के भाषण देना भी नहीं आता ठीक से । वो जो भी बोलते है वो पहले से तैयार रट्टा मार कर आते है ।

पता नहीं क्यूँ लोग समझ नहीं रहे कि यह राजनीतिक जनता को कितने हद तक बेवकूफ बना रहे है ,यह लोगो को काले चसमे पहना कर आंखो पर मिर्ची डाल रहे है ।
जिनको खुद का भाषण याद नहीं रहे वो लोगो के वादे क्या याद रखेंगे ?
जो रोजाना कानून का उलंगन करते है कानून तोड़ते है कल अगर जीत गए तो लोगो कि हड्डिया तोड़ेंगे । यह जनता को थोथे वादे बहुत दिखते है क्यूँ कि उनको पता इस देश के लोगो को बेवकूफ बनाना कोई मुस्किल काम नहीं ।

देशवासियों आंखो से काली पट्टी हटाओ और ईमानदार और सही व्यक्ति की पहचान करो ॥ अगर कोई भी उम्मीदवार ईमानदार नहीं या जनता का भला करने वाला नहीं तो हमारे संविधान की एक धारा 49-O में एक प्रावधान है जिसके अनुसार किसी भी चुनाव में मतदाता पोलिंग बूथ पर जाये, अपनी पहचान और मतदाता क्रमांक साबित करे, अपनी उंगली पर स्य!ही लगवाये,
और फ़िर चुनाव अधिकारी से यह कहे कि मैं किसी को वोट नहीं करना चाहता।
अगर ऐसा करोगे तो आपका वोट भी बेकार नहीं जाएगा।

अगर आप वोट नहीं देंगे तो कोई ना कोई जीत ही जाएगा पर अगर अपने अधिकार का उपयोग किया तो हो सकता दोनों प्रत्यासी जीत ही ना पाये और पुनः उनको चुनाव में टिकिट भी नहीं मिलेगा
मान लीजिये कि आपके क्षेत्र से कोई प्रत्याशी 2500 वोटों से जीतता है, लेकिन यदि उसी क्षेत्र में 2501 वोट “मुझे किसी को वोट नहीं देना” वाली धारा 49-O के निकलते हैं तो न सिर्फ़ उस प्रत्याशी का चुनाव रद्द हो जायेगा, बल्कि जब पुनः चुनाव होंगे !
उस वक्त पिछले सारे प्रत्याशियों को चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिलेगा
 
एक तो वो सलमान जो एक बार "कामिटमेंट" कर दे तो फिर खुद की भी न सुने और एक यह हमारे कानून मंत्री सलमान जो एक बार "कामिटमेंट" कर दे तो चुनाव आयोग की भी नहीं सुनते । खैर दोनों सलमान है तो दोनों में कुछ तो समानता होना स्वाभाविक है ।
चुनावी दौर में आजकल नेताओ और मंत्रियों की जुबान ऐसे फिसलती मानो चिकने घड़े पर पानी ,और फिसले तो फिसले पर चुनाव आयोग तक को चुनोती ! मानो चुनाव आयोग तो इनके घर पानी भरता हो । वैसे जनता के सामने उटपटाँग भाषण विवादित बयानबाजी और एक दूसरे पर छीटाकाशी करना तो नेताओ और मंत्रियो की आदत में शामिल है , जब तक यह विवाद में नहीं आते तब तक इनको खाना तक हजम नहीं होता । अब क्या करे कमबख्त राजनीति जात ही ऐसी हो गई है कि जब तक विरोधी दल को छटी का दूध याद न दिला दे तब तक जीतने की उम्मीदे कम रहती । वैसे दूध चाहे छटी का याद दिलाओ या 12 वी का , जनता कोई दूधमुहे बच्चे जैसी तो रही नहीं कि पहचान न सके कि दूध में पानी कितना है । हा कभी कबार जनता भ्रष्टाचारियों और बेईमानो को जूते चप्पल मार कर तीसरी का दूध जरूर याद दिला देती है । कसम मिलावटी दूध की हमने इतनी ओछी राजनीति कभी नहीं देखी । ना कानून का पालन ,न टिकाऊ भाषण ,न भाषण का तरीका ,ना संविधान की इज्ज़त ,सब बदल दिये । मेरे एक गुरु है पत्रकार जिन्होने मुझे एक सीख दी कि दूसरों की गलती नहीं अच्छाई देखो और वही सीखो दूसरों की गलती बताने की बजाय ,उनसे बेहतर और अच्छे काम करके दिखाओ । पर इन नेताओ और मंत्रियों के भाषण सुन कान में रुई रख लेना बेहतर हो गया । यह राजनीतिक लोग विरोधी दल से बेहतर सुविधा देने की बजाय उनकी गलतिया गिनाने में लगी रहती है । भई वैसे गलतिया गिनते रहे तो सरकार का कार्यकाल भी पूरा हो जाएगा , तो उन वादो का क्या जो जनता से किए ? इस पर नेताजी कहेंगे फिर से हमारी सरकार बनाने में मदद करो हम विकास भी करेंगे ।

एक दिन मैं और मेरे मित्र मोटरसाइकिल से no entry में चले गए भूल से , तपाक से एक बूढ़ा पुलिस वाला आया और चालान बनाने लग गया , हमने कहा सर हम यहा नए है हमको पता नहीं था , हमको जाने दीजिये । बूढ़े गुस्से से तिलमिला कर कहा अनपढ़ हो जो इतना बड़ा no entry का बोर्ड नहीं दिखा । एक तो जेब में है ही 600 रुपये उसमे से 500 रुपये का चुना लग गया । बूढ़ा था ईमानदार । कसम से अब अगर गलती से भी उस no entry में चले जाते तो बुढ़ऊ हमको चाटा मर ही देता ।

अब हम गलती से no entry में गए तो 500 का चुना लगा तो इन नेताओ को इनकी गलती की सजा सिर्फ sorry कहने से पूरी हो जाती , पापा कसम अगर माफी मांगने से सजा माफ हो जाए तो हम रोज़ कानून तोड़ेंगे , रोज़ सिग्नल के नियम तोड़ेंगे , अरे फालतू में हम भी कानून नहीं तोड़ते काम और जल्दबाज़ी में तोड़ने पड़ते है , जैसे यह नेता चुनाव के वक़्त तोड़ा करते है ।

पता नहीं मंत्रियों को कानून तोड़ने से कुछ फर्क पड़ता भी या नहीं , एक की जुबान फिसली तो दूसरे ने क्या भांग खा रखी थी ?

आचार संहिता का उलंगन इनके लिए मामूली खेल बन गया है क्यूंकि इनको पता है कि हिंदुस्तान में हत्यारे को भी सजा सुनाने के बावजूद सजा नहीं दी जा सकती तो यह किस खेत की मुली है ।

बड़ी दिलचस्प बात है जरूर पढे
कानून का उलंगन कर भाषण बाज़ी तो कर देते और जब मीडिया वाले पूछते कि आपने चुनाव आयोग की आचार संहिता का उलंगन कर भाषण क्यूँ दिया तो कहेंगे "याद नहीं ,मैंने कब कहा , या जुबान फिसल गयी "
इनकी जुबान कब संभाल कर रही है यह सरकार जो वादे करती है वो भी फिसली जुबान से ही करती है रट्ट मर कर भाषण देने पहुँच जाते है ।

इनकी बातों का गौर करो यह कहते है याद नहीं
अरे 2 घंटे पहले दिया भाषण इनको याद नहीं तो वादे क्या खाक याद रखेंगे वो भी 5 -5 साल तक ? खुद की काही बात इनको याद नहीं तो देश और राज्यो का क्या खाक विकास करेंगे । क्या मिलेगा रट्ट मर कर दिये भाषण से ? ठेंगा !
अगर ठेंगा ही देखना है तो हमारे मित्र से जरूर मिलना वो लोगो को बड़े अच्छे से ठेंगा दिखते है :P

निर्वाचन आयोग की और से जारी नोटिस में भाषण कर्ता चुनाव आचार संहिता के अनुच्छेद 1(3) अनुच्छेद 7 और 7(6) के उलंगन के दोषी है , इन धाराओ के आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग और सांप्रदायिक आधार पर मतदाता को प्रभावित करने की मनाही होते हुए उन्होने कानून का उलंगन किया तो क्यूँ चुनाव आयोग और गूंगी बहरी सरकार कुछ नहीं कर रही है क्यूँ उन लोगो के खिलाफ FIR दर्ज़ नहीं करते ॥
 
never say i cant
never lose your hope
its just the start
its not over if its nope

always work harder
seldom take rest
let the work be tough
but try your best

always be strong and wise
don't say no
'cause hope never dies
 
अपनी ज़िम्मेदारी जरूर निभाए .... ईमानदार को जीताना हो या बेईमान को नकारना ,, फैसला जनता के हाथ में जनता के लिए ।
मित्रो यदि आप अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे किसी भी प्रत्यासी को पसंद नहीं करते तो भी आपको उनमे से किसी एक को वोट देना होता है या यदि आप वोट नहीं भी करते तो भी उनमे से कोई एक
विजयी होता है ! परन्तु यदि आप अपना अधिकार उपयोग में लायें तो वे सभी नाकारा साबित हो जायेंगे तथा दोबारा होने वाले चुनाव में उनमे से किसी को टिकेट भी नहीं मिलेगा !
आरक्षण हटाने के लिए यह सबसे उपयोगी हथियार साबित होगा
हमारे संविधान की एक धारा 49-O में एक प्रावधान है जिसके अनुसार किसी भी चुनाव में मतदाता पोलिंग बूथ पर जाये, अपनी पहचान और मतदाता क्रमांक साबित करे, अपनी उंगली पर स्य!ही लगवाये,
और फ़िर चुनाव अधिकारी से यह कहे कि मैं किसी को वोट नहीं करना चाहता। सवाल उठता है कि हमें ऐसा क्यों करना चाहिये?
मान लीजिये कि आपके वार्ड चुनावों में लगभग सारे प्रत्याशी या तो गुंडे-बदमाश हैं या उनमे से किसी एक को चुनना आपकी मजबूरी है , या फ़िर कोई निकम्मा उम्मीदवार पुनः मैदान में है और आप चाहते हैं कि सभी तो नालायक हैं, या आरक्षण के समर्थक हैं , मैं क्यों वोट दूँ? उस वक्त यह धारा काम आयेगी... मान लीजिये कि आपके क्षेत्र से कोई प्रत्याशी 2500 वोटों से जीतता है, लेकिन यदि उसी क्षेत्र में 2501 वोट “मुझे किसी को वोट नहीं देना” वाली धारा 49-O के निकलते हैं तो न सिर्फ़ उस प्रत्याशी का चुनाव रद्द हो जायेगा, बल्कि जब पुनः चुनाव होंगे !
उस वक्त पिछले सारे प्रत्याशियों को चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिलेगा
आज हिंदुस्तान को भ्रष्टाचारियों और बेईमान लोगो ने देश को बहुत लाचार बना दिया है , देश के ही मंत्री सरेआम कानूनों का उलंगन कर संविधान के नियमो की धज्जिया उड़ा रहे है । देश की स्वायत संस्था को भी गलिया बकते है तो क्या मतलब रहा संविधान का ॥ जो दिन रात संविधान की पोथी लोगो को समझाते है क्या उन्होने कभी संविधान के दायरे में रहने की जरूरत नहीं समझी ? पहले गलती करते फिर माफी , मतलब संविधान की हत्या करने वाले को कोई सजा नहीं ??? पता नहीं क्यूँ हमको यह अधिकार नहीं कि जिस को हम चुनकर देश कि बागडोर सोपते है उसी को हम ( जब वो गद्दार बन जाए, जब वो देश की जनता के हित में काम नहीं कर रहे हो )पद से हटा सके , क्यूँ हमको उनके उनके बनाए नियमो की पालना करनी पड़ती ,जबकि वो नियम जनता के हित में नहीं हो । क्या यही हमारे स्वतंत्र भारत का संविधान है ?
मुझे पता है मेरी इस बात पर शायद कोई सहमत होगा पर इस भ्रष्ट सरकार और भ्रष्ट नौकरशाही को tax अदा करने से बेहतर हम खुद जनता की भलाई करे , कम से कम दुआ तो मिलेगी ॥
देश के विकास के लिए हम भारत के नागरिक tax जमा करवाते है , पर हम जो tax अदा करते उसका सिर्फ 20 % हिस्सा देश के विकास कार्यो में लगता है , बाकी की धनराशि सरकार के चैन सिस्टम में बंट जाती है , मतलब भ्रष्टाचार । हम आम जन अपने कमाए पैसो से अपना कारोबार करते है और लाभ का कुछ हिस्सा tax के रूप में अदा करना पड़ता है क्यूँ की हम चाहते है देश तरक्की करे ,पर तरक्की के नाम पर हम भारतियों को मंत्रियों की तरक्की मिलती है । हम आम जन के नौकर , हम भारतियों के नौकर हम पर हुकुम चला रहे है । सरकार को tax अदा करने वालों से मैं पूछना चाहूँगा कि क्या आप उन भ्रष्ट नेताओ के लिए कमाते हो ? अपने पैसो से उनको मौज मस्ती करते का मौका देते हो ? खुद कमाते हो तो खुद ही उसका उपयोग करो ,क्यूँ उन बेईमानो की तोंद बढ़ा रहे हो । यह लोग तो आम जन के हित में काम कम और खुद का हित ज्यादा रखते है , तो हम खुद क्यूँ न समाज के लिए काम करे । जितना हम tax अदा करते वही हम समाज के हित और देश के हित में लगाए तो 100 % देश का भला होगा ॥ पर नहीं अपने हाथो से समाज सेवा लोगो को गँवारी लगती इस लिए tax देते । सरकार को 100 Rs॰ tax देते तो 15 – 20 Rs ॰ देश के हित में लगता है तो पूरे 100 Rs॰ सीधे जन हित में लगाने से क्या बिगड़ जाएगा । मुझे पता है यह नहीं हो सकता पर नामुमकिन भी तो नहीं । अपना ग्रुप हो और पैसे वह जमा कर हम ऐसा कर सकते है । इस तरह की सरकार को tax देने से तो मुझे यही बेहतर लगा । बाकी आप सब का अनुभव । आज देश पर तकरीबन 10 लाख करोड़ का कर्जा है ,पर स्विस बैंक और भारत में ही जमा कालधन अगर सार्वजनिक हो तो इतनी देश का आर्थिक भंडार इतना होगा कि देश का 10 लाख करोड़ का कर्ज़ तो बहुत ही तुच्छ होगा । cwg , 2g तो छोटे छोटे घोटाले है देश में 26 लाख करोड़ का कोयला घोटाला और भी बड़े बड़े घोटाले है जो देश की जनता के समक्ष नहीं आने दिये जाते है । और वह इसलिए कि सरकार अपनी राजनीतिक रोटिया इन घोटालो की आंच पर सेकती रहे । जहा राहुल गांधी उत्तरप्रदेश में ओछी राजनीतिक बयान बाज़ी करते कि हमको 5 साल दो हम up को मॉडर्न राज्य बना देनेगे , तो राहुल जी केंद्र में सरकार आपके हाथ में है वह किस तरह देश को मॉडर्न बना रहे है ? घोटाले करके देश कि नाक कटवा कर ? बयान बाज़ी करने से पहले खुद के गिरबान में भी झकना सीखो । वही दूसरी और राजनीतिक पार्टियां ऐसे बयानो की ताक में रहते और कटाक्ष करना शुरू । राजनीति को इतना गंदा कर दिया कि गंगा भी नहलों तो छीटे जाएंगे नहीं । जनता के सामने अपराधियों को खड़ा कर दिया जाता कि इनमे से चुनो अपना नेता ॥ क्या खाक चुने इनमे से , देश के गरीबों को के अधिकारो का मज़ाक कर के रख दिया । क्यूँ चुनाव आयोग इन आपराधिक छवि वालों को चुनाव लड़ने की इजाजत दे देती । क्या चुनाव आयोग के पास भी वो अधिकार नहीं ? हाल ही के मतदान के आंकड़ो से यह प्रतीत होता है कि लोग अपराधियों को चुनने कि बजाय वोट न देना ही बेहतर समझा ।

आज फेसबुक से भला कौन नौजवान दूर होगा , यहा पर सभी वर्ग और सभी धर्म के लोग भी है
क्या आप लोगो को नहीं लगता कि आरक्षण देश कि एकता के लिए खतरा है ? क्या आप नहीं मानते कि आरक्षण देश में गृहयुद्ध से कम नहीं है ? एक अनुसूचित जाती का व्यापारी जिसकी सालाना आय 10 लाख हो तो उसे आरक्षण की क्या जरूरत ? एक ओबीसी का गरीब जिसके पास न तो नौकरी है न कोई काम क्या उसको आरक्षण की जरूरत नहीं ? तो फिर आरक्षण जाति या धर्म के आधार पर ही क्यूँ ? क्या आप नहीं चाहते आरक्षण किसी धर्म विशेष या जाति के लिए ना रख कर गरीब निसक्त और बेसहारा लोगो के लिए रखा जाना चाहिए ?

फेसबुक पर आज नेता ,मंत्री और सरकारी अफसर या सरकारी कर्मचारी भी जुड़े हैं । या इन सबके नजदीकी लोग भी जुड़े है तो क्या उनको जरा भी शर्म महसूस नहीं होती जनता के साथ वो लोग छलावा करते है ।
इस पोस्ट को जो भी पढ़ता हो उनका कोई भी नजदीकी व्यक्ति राजनीति , सरकारी अफसर या सरकारी कर्मचारी है तो क्या तुम लोग नहीं चाहते देश में भ्रष्टाचार खत्म हो , सब अपनी ईमानदारी से काम करे ?
अगर आप सोचते है कि आपको किसी से क्या लेना देना क्यूँ कि आप तो ऐश मौज से जी रहे है तो भैया भूलना मत वक़्त बदलते देर नहीं लगती । और जब तक खुदा आप पर मेहरबान है तब तक तो सब आपके साथ होंगे पर जब ज़िंदगी में अंधेरा होगा तो परछाई भी साथ नहीं देगी ।
अगर अपने परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी या राजनीतिक है और वो भ्रष्टाचार में लिप्त है तो आप उनको रोक सकते हो ,, किसी गरीब ,निसक्त की बददुआ बड़ी भयानक होती है जो ज़िंदगी को नर्क बना सकती है ।
सिर्फ चिल्लाने से कुछ नहीं होगा कि “भ्रष्टाचार खत्म करो या ,हम तुम्हारे साथ है “संकल्प ले कि हम सच्चे मन से भ्रष्टाचार को मिटाना चाहते है , न कोई रिश्वत लेगा , न कोई रिश्वत देगा , न रिश्वत देने देगा, न रिश्वत लेने देगा ।

ज़िंदगी भी कितनी अजीब है
कभी यह दर्द ,कभी खुशी बन जाती है
कभी मिला देती है ये साहिल से
तो कभी मझधर में डूबा जाती है
खेलती है ये कभी हमारे जज़्बातों से
और कभी ये प्यार का साया भी कर जाती है
क्यूँ है हमें इस के हर लफ्ज से प्यार इतना
क्यूँ ये कभी मुश्किल एक सवाल भी बन जाती है 
When You Are In Light,
Everything Will Follow You,
But When Are You In Dark,
Even Your Own Shadow Will Not Follow You.

This is Real Life. 
एक कानून मंत्री होते हुए कानून की धज्जियां उड़ा रहा है क्या इसका मंत्री रहना ठीक है ?

भ्रष्ट सरकार कांग्रेस के शासन काल में वर्तमान कानून मंत्री जो रोज़ कानून का उलंघन करते पाए जाते हैं । अपनी उलटी सीधी बयानबाजी/भाषणबाजी से उत्तर प्रदेश के मुस्लिम इलाकों में उन्हें बरगलाने के लिए अपनी घटिया राजनीती का उपयोग कर रहे है । मुस्लिम धर्म को राजनीतिक मोहरा बना कर अपना स्वार्थ पूरा कर रहे है । ऐसे घटिया नेता अपने धर्म और जाति के साथ छलावा करने से भी गुरेज नहीं रखते ,यह लोग क्या देश चलाएँगे , खुद के स्वार्थ के लिए देश तक को बेच देने वाले दरिंदे है । चुनाव के वक़्त इनको बटला हाउस कांड की याद आती है ,पर मुंबई में लोगो सरेआम गोलियों से छलनी करने वाले दरिंदों को बिरियानी खिलाई जा रही है , सैकड़ो लोगो की जान लेने वाले की सुरक्षा के लिए करोड़ो रुपये खर्च किए जा रहे है ।
एक समय था की गाँधी जी के साथ मिलके जिन्नाह ने इस देश में 1913 में मुस्लिमों के लिए आरक्षण की माँग की थी वैसे ही आज ये जिन्नाह उर्फ़ सलवार खुर्शीद इस देश को आरक्षण के नाम पर बाँट रहा है , ऐसा लगता है की ये भ्रष्ट आतंकवाद समर्थक पार्टी कोंग्रेस इस देश का दुबारा से विभाजन करवा कर ही दम लेगी । आरक्षण किसी धर्म विशेष के लिए नहीं बल्कि गरीब और निशक्तों को मिलना चाहिए ।
कोई भी कांग्रेसी आज काले धन को लाने की बात नहीं कर रहा ?? आज अगर विदेशों में जमा काला धन भारत में वापस आ जाए तो किसी भी हिन्दू , मुस्लिम , दलित , अल्पसंख्यक को आरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी ...पर भ्रष्ट अपना काला धन वापस नहीं लाना चाहती और देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर रही है ?
जागो मुस्लिमों जागो कांग्रेस का साथ छोडो और सच्चाई से नाता जोड़ो ....तुम्हारे कुछ भाई पाकिस्तान में बम्ब का शिकार हो रहे हैं वैसे ही ये तुम्हे आरक्षण के नाम पर बाँट कर फिर से इस देश में विभाजन जैसे हालत पैदा कर रहे हैं .

फलक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।
फलक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।।

तुम चलो तो हिंदुस्‍तान चले ।
तुम चलो तो हिंदुस्‍तान चले ।।

लगाओ हाथ के सूरज सुबह निकाला करे ।
हथेलियों में भरे धूप और उछाला करे ।।

उफ़क़ पे पांव रखो और चलो अकड़ के चलो ।
फ़लक पकड़ के उठो और हवा पकड़ के चलो ।।

तुम चलो तो हिंदुस्‍तान चले ।
तुम चलो तो हिंदुस्‍तान चले ।।


किसने नहीं सुना होगा यह गीत
जितना मधुर है उतना ही मधुर इसका मतलब भी है ।
अगर हम चलेंगे तो देश भी चलेगा अगर हम चुप बैठे तो देश चलने की उम्मीदे नहीं रखनी चाहिए ।
अपने देश को हमें ही बदलना है ॥ 1947 में सिर्फ नाम की आज़ादी मिली है ,पर असल में हम अभी तक गुलाम है । अपने भविष्य को बेहतर बनाना है तो आज हमको अपने हक के लिए लड़ना ही होगा । किसी से आशा की उम्मीद रखने की बजाय हमें खुद अपनी लड़ाई लदनी है । सिर्फ सुब्रमणियम स्वामी ,अन्ना हज़ारे या बाबा रामदेव से आशा रखने की बजाय हमको उनका साथ देना है ।
 
कुछ अनकहे लफ्जो का मतलब ढूँढत रहता हूँ मैं ,
जिंदगी आखिर क्या है ? कभी कभी यह सोचता रहता हूँ मैं !
ज़रूरत के हिसाब से अपनी सोच को बदलता रहता हूँ मैं
क्या था और अब क्या हूँ ! अपने आप में ही झाकते रहता हूँ मैं !
एक टूटे हुए खिलौने की तरह हूँ मैं जो किसी का मन ना बहला सका
दुनिया की इस भीड़ में अपने आप को ही ढूँढता रहता हूँ मैं !
ऐ दोस्त ! मुझे अब इस ख्वाब की दुनिया से ना जगा
हकीकत की दुनिया से अब हर वक़्त डरता रहता हूँ मैं !
अपने वही है जो बुरे वक़्त पर काम आ सके
अब रिश्तो को भी सिर्फ पैसो के दम से ही क्यूँ तोलते रहता हूँ मैं !
काश की संभाल जाता मैं अपने आप से ,तो एक भ्रम ही रह जाता
अपने ज़ख्मो को अपने ही अश्कों से अब धोते रहता हूँ मैं !
बुरे वक़्त और काली रात में ही
इंसान ज़िंदगी का सबसे बड़ा कीमती सबक सीख लेता है !
मेरे हाथ में कुछ भी नहीं ,पर फिर भी देख मेरी हिम्मत
वक़्त से बेखौफ होकर लड़ता रहता हूँ मैं !
इंसान का आखिरी मुकाम सिर्फ दो गज़ जमीन ही है
मौत को गले लगाने से पहले ना जाने कितनों का दिल तोड़ते रहता हूँ मैं !
मैं वो इंसान हूँ ,जो अपने आप को आईने में देख कर शर्मसार हो जाए ,
पर फिर भी अपने आप को बहुत कुछ समझता रहता हूँ मैं !
सच है कि ख़्वाहिश दीवानी ही है
कुछ बिखरे हुए लफ्जो में खुद कि पहचान को खोजते रहता हूँ मैं 

Leave Something for FRIEND,
Never leave FRIEND for something.
Because in your life.........
Something will leave you, But
FRIENDs will always live with you.
A lifetime before i die
i'd like to learn to fly
to a place beyond the tears
away from all fears
a year before i die
i'd like to learn to cry
from tears of happiness
no part played by sadness
a month before i die
i'd like to look at the sky
and regret days when it wasn't blue
but more of dark greyish hue
a day before i die
i'd like to take a sigh
one of relief and gladness
for i will depart this world of madness
a moment before i die
i'd like to take your hand and smile
as my imagination runs it's final mile
just before i die
 

That's why we called it "PRESENT"

To realize the value of-
1 Year- Ask 1 who failed in an exam,
1 Month- Ask 1 who has not received his salary,
1 Week- Ask 1 who is hospitalised,
1 Day- Ask 1 who is fasting,
1 Hour- Ask 1 who is waiting for his lover,
1 Minute- Ask 1 who missed his train,
1 Second- Ask 1 who just escaped from an accident.

Every moment is a treasure,
Yesterday is history,
Tomorrow is a mistry,
But today is a gift.

That's why we called it "PRESENT".
 

keep going

I'm right behind you,
Just don't look back,
Stay strong and keep going,
For trust you shouldn't lack.

I'll help you along the way,
I've been here before,
And now I finally understand you,
Straight down to the core.

 

प्रार्थना !

प्रार्थना ! खोई हुई आत्मा ,उलझनों से भरे मन और टूटे दिल के लिए एक ईलाज है
इसलिए हुमेशा प्रार्थना करे और कभी आशा को कम ना होने दे

journey of life

I know I am not perfect
I never claimed to be
I may not be perfect
But at least I am me
I've struggled with a lot
And with that I say
Even though I'm not perfect
I'm still me in every way
I used to want to change myself
In any way I could
But as I grew older I don't know why I would
Being me is great
I have my ups and downs
But there are so many things
That I have found
This journey called life
Can be such a crazy thing
But all those childish thoughts
Didn't mean a thing
Now that I am older I'm glad i didn't change
Cause now I can see me
In an entirely differnt range
I am not her
Nor her
Nor her
I am simply me
And that is all I'll ever be
 
जो कहना है कह भी दे
जज़्बातों को छुट्टी दे

घुट घुट कर मरने वालों को
जा जादू की झप्पी दे

अंदर बच्चा सोता
दस्तक हल्की हल्की दे

पहले ही दिल टूटा है
आजा तू भी गाली दे

मुझसे तुझको जो भी है
सारे शिकवे कह भी दे

दर पर भूखा आया है
पहले उसको रोटी दे

उदरत तो अच्छी पाली
अब लोगो का बाकी दे

दौलत मत दे बच्चे को
बस तू अच्छी बातें दे
 

A cute little bird

A cute little bird
Finds its place
And lands onto my hand.

I looks at it,
I know it sings
A melodious song.

So pleasant and beautiful
Its song; I forget everything
And enjoy its song.

What a lovely music maker
You are, little birdie.
You give me the everlasting
Sensation and enjoyment.

Mind journey

Mind Journey
I’m trapped in my mind
My heads spinning around
And my feet can’t seem to find,
What’s supposed to be the ground

The sun seems to shine
Whenever I’m not looking
I see that trick every time
Though I’m not tripping

Trying to seek forward
But stuck in rewind
Not running like no coward
But still trapped in my mind

When I take the time to see…
And take a look at the world
I’ll realize, that I’m not crazy…
Makes me feel trapped to unfurled

Living in inwardness ?
Battling against demons: never losing
Life is to damn precious…
Tell me to die: I’m refusing!!


माँ की ममता

(कपिल लिखता है )[एक काल्पनिक पात्र ]

मेरी माँ एक आँख से ही देख सकती थी | मुझे मेरी माँ से नफरत होती थी ,शर्मिंदगी सी महसूस होती थी |
मेरी माँ मार्केट से कुछ छीजे खरीद कर बेचा करती थी उससे ही दो वक़्त का खाना मिल जाता था | पैसे के लिए माँ सब काम करती थी |
गरीबी और माँ की एक आँख की वजह से शर्मिंदगी महसूस होती थी |
एक दिन स्कूल में समारोह का दिन था ,उस दिन माँ भी वह आ गयी |  मैं बहुत शर्मिंदा हो गया ,अपमानित हो गया था माँ कि एक आँख कि वजह से , वह मेरे साथ ऐसा क्यूँ करती है ? मैंने मेरी माँ को घ्राणित नज़र से देख वह से चला गया | अगले दिन जब स्कूल गया तो सब ने मुझे ताने मारे कि " तेरी माँ एक आँख वाली है "
मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से चली जाए ,इस लिए मैंने माँ से कहा "तुम्हारे पास एक आँख है तो दूसरी भी क्यूँ है तुमने मुझे सिर्फ उफस का पात्र बना दिया ,सब हँसते है मुझ पर तुम मर क्यूँ नहीं जाती "|एक बारगी लगा मैंने कुछ गलत तो नहीं कहा पर नहीं मुझे बुरा नहीं लगा बल्कि अच महसूस कर रहा कि जो कहना था सब कह दिया | शायद ऐसा इसलिए कि मेरी माँ ने कभी मुझे डांटा -फटकारा नहीं था |मुझे जरा भी एहसास नहीं था कि मैंने उसकी भावनाओ को ठेस पहुंचाई है |
उस रात मैं उठा और पनि पीने रसोई कि तरफ गया ,वहा मेरी माँ रो रही थी ,चुपचाप क्यूँ कि उसे दर था काही रोने कि आवाज़ आ गयी तो मैं जाग जाऊंगा | मैंने एक नज़र देखा और चला गया | माँ रो रही थी क्यूँ कि मैंने उससे बहुत कुछ कह दिया शायद माँ उससे दुखी है ,मेरे मन में भी चुभन सी हो रही थी , पर मुझे कोई ग्लानि नहीं हो रही थी | मैं माँ से बहुत नफरत करता था पर फिर भी दिल में कही चुभन सी होती थी कि मैंने माँ से ऐसा बर्ताव किया | माँ कि एक आँख से आँसू आ रहे थे | मुझे बहुत नफरत होने लगी इस गरीबी और माँ से |
मैंने बहुत मेहनत से पढ़ाई की मैं माँ को अकेला छोड़ कर शहर आगया पढ़ने के लिए | मुझे university में दाखिला मिल गया | part time काम करके मैंने पढ़ाई का का खर्च निकाला | पढ़ाई के बाद काम भी मिल गया शादी भी हो गई | नया घर लिया | मेरी एक बेटी भी हो गई | अब मैं हंसी खुशी जीवन बिता रहा था ,खुशिया दिन ब दिन बढ़ रही थी | तभी एक दिन उम्मीद नहीं की थी वही हुआ | एक औरत मेरे घर आई | मेरी माँ थी वो उसी एक आँख के साथ | उस वक़्त मानो पूरा आसमान मेरे पर गिर पड़ा हो | मेरी छोटी बेटी मेरी माँ की एक आँख को देख दर कर भाग गई | कुछ देर बाद मैंने पूछा " कौन हो तुम , मैं तुम्हें नहीं जनता ,मेरे घर में आकार मेरी बेटी को दराने की हिम्मत कैसे की तुमने , यहा से चली जाओ " इस पर मेरी माँ ने जवाब दिया " माफ करना शायद गलत पते पर आ गयी हु "
वो चली गयी thanks godवो मुझे पहचान नहीं पाई । मुझे काफी राहत मिली । मैंने अपने आप से कहा " मैं उसकी देखभाल करू या अपनी आरामदायक ज़िंदगी जीऊ। फिर मैंने चैन की सांसली । एक दिन विध्यालय से पत्र आया कि विध्यालय में पुनर्मिलन का समारोह रखा है तो मैंने अपनी पत्नी से जूठ बोल कर कि व्यापार के सिलसिले टूर जा रहा हूँ मैं गाँव के स्कूल में आया । पुनर्मिलन के बाद में अपनी पुरानी झोपड़ी में गया । मैंने घर पर फोन किया , मैंने जिज्ञासा से कोसो दूर था । मैंने देखा मेरी माँ ठिठुरती हुई जमीन पर पड़ी थी ,पर मेरी आँख से एक आँसू नहीं निकाल रहा था । मेरी माँ के हाथ में कागज़ था जो मेरे लिए लिखा हुआ था

मेरी माँ
प्रिय बेटा
        मुझे लगता मेरी जिंदगी इतनी ही है । और अब मैं फिर से शहर भी नहीं आ सकती । पर यह बहुत बड़ी बात होगी कि तुम मुझसे मिलने आओ । मुझे तुम्हारी बहुत याद आती थी बेटा । मुझे बहुत खुशी हुई यह सुन कर कि स्कूल में पुनर्मिलन का समारोह और शायद तुम भी आओगे । पर मैंने तय किया कि मैं स्कूल में नहीं आऊँगी , तुम्हारे लिए । माफ करना बेटा मेरी वजह से तुझे परेशानी हुई और तुम्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ी । तुम देखो ,जब तुम छोटे थे तब एक दुर्घटना में तुम्हारी एक आँख चली गयी , और मैं तुमको एक आँख के साथ बड़ा होते नहीं देख सकती  थी इसलिए मैंने अपनी एक आँख तुझे दे दी । मुझे खुशी होती है कि मेरी तुम दुनिया को अच्छी तरह देख सकते हो । मैं तुमसे बिलकुल नाराज़ नहीं हूँ कि तुमने मुझे ऐसा बर्ताव किया । दो बार तुम मुझसे नाराज़ हो गए थे मैंने अपने बारे में नहीं सोचा क्यूँ कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ बेटा । तुम बहुत याद आते हो मुझे , मुझे वो पल बहुत याद आते जब तुम जवान थे और मेरे साथ थे ।

माँ आज मुझे माँ कि कमी खल रही है ,माँ तुम्हारी दुनिया मुझे थी, मुझे बड़ी भूल हो गयी माँ , मेरी दुनिया अब बिखर गयी ।
तब मैं उसके लिए रोया जो मेरे लिए जी रही थी , मेरी माँ 

Problems are a fact of life

Problems are a fact of life,
We all have them now and then;
They may be small, they may be large,
But they are common to all men.

You may have problems of the heart
When a loved one goes astray,
Or someone dies who is close to you,
Or your best friend moves away.

The IRS knocks on your door
And says, "You owe us Money."
You know you paid, you go to court
To prove their claim is phony.

You take a trip, you lose your bags
In an airport far from home,
You swear if you can get them back,
You never more will roam.

The problems that you meet in life
Are never all the same;
Some you solve, some you accept
It's a never-ending game.

If you have faith, it helps a lot
To know that God is there,
To hold your hand and carry you,
And gives you strength to bear.

Whatever comes, you'll find the way
To solve your problems day by day

Friend's forever

Friends Forever
One friend who understands you,
Is better than ten who don't.
One friend who will listen to you,
Is better than ten who won't.


One friend who holds your hand,
Is better than ten in all the land.
One friend who is always there,
Is better than ten who just don't care.


One friend who gives you good advice,
Is better than ten who just try to be nice.
I cherish this one friend, like silver and gold,
This one friend is you, to have and to hold.
 

This is life

When there is no friend,
When life is on the dead end,
When world is not a paradise,
When your confidence dies,
Tell yourself - Go on, THIS IS LIFE!

When things don't go right,
When there is no ray of light,
And its too hard to survive,
Tell yourself - Go on, THIS IS LIFE!


When there is competition to face,
When you are lagging behind in the race,
When you've lost faith in God,
When you're betrayed by a fraud,
Tell yourself - Go on, THIS IS LIFE!


When others don't respect you,
When you're not amongst the admirable few,
When for a question, you can't find a solution,
When all you're sure about, is confusion,
Tell yourself - Go on, THIS IS LIFE!


When your destination is miles apart,
When you don't know where to start,
When all you see around is pain,
When your hard work is in vain,
Tell yourself - Go on, THIS IS LIFE!


Even though all this happens,
just have faith in self & face the life with smile,
things will surely change one day
because as said "THIS IS LIFE ...!!