आज
देश में नीचे से ऊपर तक फैले भ्रष्टाचार से लोग उकता गए हैं और अब तो इस
तंत्र से बदबू भी आने लगी है। ये जनसैलाब जो सड़कों पर उतरा है, इसके पीछे यही भ्रष्टाचार ठोस वजह है।
इस भीड़ का दुश्मन नंबर एक कौन है ? इस सवाल का सिर्फ एक जवाब है वो है राजनेता। इस सवाल का दूसरा कोई जवाब हो ही नहीं सकता।
पहला चुनाव लड़ने के दौरान जिस आदमी की हैसियत महज एक 1974 माडल जीप की थी, आज वो कई एकड वाले रिसार्ट, आलीशान बंगला, फरारी, पजीरो
और होंडा सिटी कार का मालिक कैसे बन गया। नेताओं के बच्चे कैसे विदेशों
में पढाई करने के साथ ही मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे ओहदे पा गए। हम तो यही
सोच कर शांत हो गए कि.
प्यास ही प्यास है जमाने में, एक बदली कहां कहां बरसे।
ना जाने कौन कौन उसे छलकाएगा, कौन दो घूंट के लिए तरसे।।
आज करोडों नौजवानों के हाथ पढाई पूरी करने के बाद भी खाली हैं। अगर पढा लिखा नौजवान किसी भी नौकरी के लिए जाता है, तो जिस तरह पैसे की मांग होती है, वो
किसी से छिपी नहीं है। जब देश की सीमा की रखवाली करने के लिए हम सेना में
भर्ती होने की बात करते हैं और वहां भी पैसे की मांग होती है, तब सच में शर्म आने लगती है भारतीय होने पर।
किसी
भी महकमें में नौजवान आवेदन करता है तो उससे खुलेआम पैसे की मांग की जाती
है। तब मै सोचता हूं जो लोग लाखों रुपये रिश्वत देकर नौकरी पाते हैं तो हम
उनसे ईमानदारी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
इस मामले को लेकर अगर आप अपने इलाके के सांसद के पास चले गए तो भगवान ही मालिक है। उसके रवैये पर हैरत होती है।
कोई राहत की भीख मांगे, तो आप संगीन तान लेते हैं।
और फौलाद के शिकंजे में, फूल का इंतहान लेते हैं।।
नेताओं ने रिश्वतखोरी,बेईमानी को न सिर्फ बढावा दिया है, बल्कि ये इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसलिए हमारा गुस्सा इनको लेकर जितना भी है वो कम है।
भ्रष्टाचार
पर नकेल कसने के लिए हमारे पास कानून की कमी नहीं है। उसका कड़ाई से पालन
भर किया जाए तो बहुत कुछ समस्या का समाधान हो सकता है। तमाम बडे बडे नेताओं
को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खानी पड़ चुकी है। आज भी कई नेता
जेल में हैं। सैकडो आईएएस और आईपीएस अफसर भ्रष्टाचार के मामले में पकडे जा
चुके हैं। लेकिन कानून का पालन ही ना हो, तो लोकपाल बन जाने से भी कुछ नहीं होने वाला है।
अफजल गुरु को सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा सुनाए जाने के पांच साल बाद तक उसका मामला गृहमंत्रालय में सिर्फ इसलिए लटकाए रखा जाए, हमें
एक खास तपके का वोट चाहिए। मुंबई हमले के आरोपी कसाब को वीआईपी सुविधाएं
दी जाएं। आतंकवादियों के खिलाफ सख्त और जल्दी कार्रवाई के लिए बने पोटा
कानून को इसी कांग्रेस की सरकार ने खत्म कर दिया।
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