सीरवी(राठौड़ )
मेरी कलम से ........
Sunday, 20 May 2012
माँ को याद कर के ही दिन की शुरुआत है
हर दिन माँ के लिए खास है ....
माँ साथ है तो साया ऐ कुदरत भी साथ है
माँ के बगैर ऐसा लगता जैसे दिन भी रात है
मैं कहीं जाऊ उसका मेरे सर पर हाथ है
मेरे लिए तो मेरी माँ ही कायनात है
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