कहीं तो ....... कहीं तो
होगी वो
दुनिया जहां तू मेरे साथ है
जहां मैं , जहां तू
और जहां ,बस तेरे मेरे जज़्बात है
होगी जहां सुबह तेरी ,
पलकों की , किरण में
लोरी जहां चाँद की
सुने तेरी बाहों में
जाने ना कहाँ वो दुनिया है
जाने ना वो है भी या नहीं
जहां मेरी ज़िंदगी मुझे
इतनी खफा नहीं
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