Saturday 19 November 2011

::ज़िन्दगी की पटरी पर, मन डगमगाए ना अपना::

ज़िन्दगी की पटरी पर ,मन डगमगाए ना अपना 
गर जोश हो इरादों में तो ,सच हो जाये हर एक सपना 
चलते रहो पथ पर ,पार कर हर बाधाओ को 
करो ऐसे सत्कर्म ,दुनिया भी सीखे अपनी अदाओ को 
पथ पर आये लाख रुकावट ,
ढूंढो उनमे फूलो की सजावट ,
तान कर सीना अपना ,आगे सदा बढे चलो 
तूफां जो टकराए तुझसे ,रुख तूफां का भी मोड़ दो 
लक्ष्य से विचलित ना होना ,
धेर्य अपना कभी ना खोकर 
सफलता तेरे कदम चूमेगी  
खुद नतमस्तक होकर 
छुना है तुम्हे आसमां को एक दिन 
वरन आसमां भी रह जायेगा अकेला तेरे बिन 
है हिम्मत जिसमे ,उसका हर  सपना  साकार हो 
सलाम करे दुनिया ,मुट्ठी में संसार हो 
अहंकार ना जगे मन में, याद तुम हमेशा रखना 
ज़िन्दगी की पटरी पर , मन ना डगमगाए अपना 
:-राजू सीरवी (राठौड़)

1 comment:

  1. thank you madam ..I am not much knowledgeable and now good qualified but i am writing .. bocz i love writing ..

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