Tuesday 1 September 2015

मीडिया की दौड़ औरंगजेब रोड़ से कलाम मार्ग तक

औरंगजेब रोड को आदरणीय कलाम साहब का नाम देने पर कई चैनलों का रोना
सर्वे के अनुसार 87% लोगो ने इस फैसले को सही माना ... पर
जनता को आपत्ति नहीं पर मीडिया हर जगह नकारात्मकता फैला रहा है ।
मैंने कई पत्रकारों के विश्लेषण देखे maximum पत्रकार सरकारों के फैसले पर नकारात्मक प्रतिक्रिया फैलाते ...
इस देश के बद्दतर हालात में देश का चौथा स्तम्भ (झूठा) कहे जाने वाले मीडिया का बहुत बड़ा रोल है ..
इस तरह की ख़बरों पर फोकस करने की बजाय देश के असली हालातों से रूबरू करवाते रहे तो बहुत कुछ बदल सकता ।
कोई मीडिया चैनल गावों की स्पष्ट तस्वीर देश की जनता के सामने प्रस्तुत नहीं करते ।
मैं सभी मीडिया चैनल से कहूँगा
लगे हाथ देश की जनता से इस बाबत भी वोटिंग करवा लीजिये कि जनता का देश के चैनलों पर कितना "भरोसा" है , क्या वाकई में मीडिया चौथे स्तम्भ की भूमिका निभा रहा है (दलाली से फुरसत मिले तब न , )
मीडिया को जन सेवा का आधार माना जाता मगर मीडिया ने इसको धंधा बना दिया ,
करोड़ों की ठूस रहे ।
रहे कुछ (नगण्य) ईमानदार पत्रकार तो उनको धमकिया या हत्या तक हो जाती ...
जहाँ ऑफिस बनाते उसके आस पास की खबरों को ज्यादा तवज्जो देते है ...
हाँ प्रिंटिंग मीडिया कुछ कुछ मेहनत करता है गावों की नब्ज टटोलने की ...
प्रिंटिंग मीडिया के पत्रकार इतने हाई प्रोफाइल नहीं जितने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार है
(करोडो छापते है साहब ) ...
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को जब कोई एक खबर (मसाला खबर जिससे लोगो को उकसाया जा सके ..... लोगो को इंसाफ ,,,न्याय दिलाने के नाम पर)
उन मुद्दों को खिचता जायेंगे कई दिनों तक ...
TRD साहब TRP ...
मीडिया .... लोग क्या देखना चाहते है और मीडिया को वाकई में क्या दिखाना चाहिए ..... इससे उनको कोई मतलब नहीं .... सिर्फ .... फलाना चैनल ढीमके चैनल की खबर को फॉलो करके वही ढर्रे पर चलेगा और ढिमका चैनल भी वैसा ही ....
जय हो ....

No comments:

Post a Comment