Tuesday 1 September 2015

"फांसी " के कानून को फांसी ..

फांसी .... मौत ..... एक भयानक दृश्य उभरता आँखों के सामने ... सहमे से महसूस करते ।।
वैसे अन्य देशों के मुकाबले भारत के कानून बहुत लचीले है ..किसी को फायदा मिलता है .. बहुत लोग फायदा उठाते है । कानून की मार के कोड़े गरीब पर पड़ते तब चमड़ी उधड़ती है और अमीर पर पड़े तब सिर्फ "मार्क" छपते है ..

देश का युथ भी गज़ब है ... कहते कानून बनते ही तोड़ने के लिए ...
सही है ... अनुशासन की भावना दिल में होनी चाहिए ... कानून का डर कुछ हद तक अनुशासन मेंटेन कर सकता बाकि कानून की हवा हार्दिक पटेल जैसे युवा शौक शौक में निकाल देते है ।

खैर विषय ज्यादा लंबा ना खीचते हुए ...
लॉ कमीशन ने "फांसी " की सजा आतंकवादियों व देशद्रोहियों के लिए होनी चाहिए ।
सही निर्णय पर घरेलु क्रूर अपराधियों को भी बख्सा नहीं जाना चाहिए ।
सबके अपने अपने नज़रिये है ....

मौत की सजा नया प्रावधान नहीं है ... युगों से चल रही एक न्यायिक प्रक्रिया है ...
जैसा अपराध वैसी सजा का प्रावधान सही है ।

फांसी की सजा से भी क्रूर सजाएँ हुआ करती थी ... पर बीते हुए कल से आज बहुत बेहतर है ...
एक हिसाब से फांसी की सजा को मानवीयता के नाते बंद करना सही है पर तब मानवीयता कहाँ जाती जब अपराधी न घिनोने कृत्य  किये थे ?

सीमा पर कोई आतंकवादी जिन्दा पकड़ा जाता है , पूछताछ होती है ... मानवीयता के नाम पर वकील कोर्ट में उसकी पैरवी करता है और जज द्वारा सजा का ऐलान होता है
मुल्जिम को उम्र कैद की सजा दी जाती है ...

चलो चेप्टर क्लोज .... क्योकि इसके उपरांत कोई सजा भी तो नहीं ...
क्या करेगा अपराधी .... जेल में रहेगा ताउम्र ...
क्या गम ..... आतंकी बना क्योकि गरीब था ,,, खाने के लाले पड़ रहे थे ... सोचा जो भी काम है पेट की खातिर करना ही पड़ेगा ....
 भूख मिटाने के लिए जब सब रास्ते बंद हो जाते (स्वविवेक खो दिया )तब इंसान नरभक्षी भी बन सकता है ।

क्या फर्क पड़ा ? क्या असर हुआ ?
जो पेट की खातिर आतंकी बना उसको ताउम्र जेल में रखा जायेगा ,पौष्टिक खाना मिलेगा ,सरल काम करेगा, सुकून की नींद सोयेगा ... क्योकि इससे बुरा उस आतंकी के साथ हो ही नहीं सकता भले उसने खुद के साथ हुए बुरे ऐ कई गुना बुरा काम किया हो ...

हिंदुस्तान उन आतंकी भेडियो को पलेगा और पाकिस्तान आतंक के भेड़ियों की नस्ल को बढ़ाता रहेगा ।
 आतंकी आका पाकिस्तान के गरीबों को बंदूको की घड़ाइ से आतंकी बनाते है ... और भेज देते है भारत में ... मिशन पर ..... जवाबी करवाई में मारे जाते तो कोई गम नहीं ... जिन्दा पकड़े गए तो सोने पे सुहाग ... ज़िन्दगी भर मुफ़्त की रोटिया तोड़ेंगे ।

हिन्दुस्थान के क्रूर अपराधियों को भी फांसी होनी चाहिए ... ऐसे लोग जेल में रहकर भी अपनी गतिविधिया जारी रखते है ।।
लचीले कानून के साथ कुछ अतिकठोर कानून भी आवश्यक है ।
जय हिन्द 

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