Wednesday 21 March 2012

सरकार अक्षर कहती रही है कि 29 रुपये कमाने वाला व्यक्ति गरीब नहीं होता , आज के इस दौर में भिखारी भी सुबह से शाम तक 100 -150 रुपये कमा लेता है , यानी भिखारी भी ट्रिपल अमीर है , मतलब आज भारत के भिखारी भी अमीर श्रेणी में आते है ।

तो अब राजनेताओ को यह राग तो अलापना छोड़ देना चाहिए कि "देश में गरीबी हटाएँगे , गरीबो की  सरकार ,गरीबो के हित में काम करेगी , गरीब को न्याय मिलेगा , गरीब को कम दाम में अनाज दिया जाएगा , गरीब के लिए अच्छे शिक्षा के प्रबंध किया जाएगा , गरीबो को काम दिया जाएगा ,

ओ सरकारी भैया ! तनिक हमको बताओ तो सही गरीब है कौन इस देश में , अपने तो भीख मांग कर खाने वाले को भी अमीर बना दिया तो किसके लिए यह सब बकबक करते हो , वैसे तुम राजनीतिक तो भिखारियों से भी गए गुजरे हो , भिखारी मांग कर खाता पर तुम राजनीतिक तो चोरी करते हो बेईमानी करते हो , ठगी करते हो ।

रहने को जगह नहीं , पहनने को कपड़ा नहीं , पर भारत को अमीरों कि श्रेणी में ला खड़ा कर दिया इस सरकार ने , वाकई तारीफ के काबिल है यह सरकार तो , जी करता जूतो कि माला पहनाऊ एक एक कर सबको ।

( काल्पनिक ) सरकार ने बजट सत्र में गरीबो के उन्मूलन और विकास के लिए 500 करोड़ करोड़ का बिल पास किया । करेंगे क्यूँ नहीं सारा पैसा इनकी जेब में जाएगा क्यूँ कि इस देश में गरीब है ही नहीं .....हा हा हा हा हा

अब इस अमीर देश की गाथा सुन लो

एक आदमी सुबह काम पर जाता शाम तक घर 100 या 150 रुपये लता मतलब अमीर आदमी है , अब वो अमीर आदमी 50 रुपये का दारू पिएगा , भई वह क्या रजवाड़ा मिजाज है 29 रुपये वाला अमीर और यह 50 की दारू पी जाता है । 10 रुपये टिप भी देगा , बचे 90 रुपये घर खर्च के लिए ,,,, वह यहा पर भी अंबानी बन गए ट्रिपल अमीर परिवार ।





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