Thursday 15 March 2012

कहावत है " धोबी का कुत्ता ना तो घर का ना घाट का "
रेल बजट के बाद सरकार की हालत भी कुछ इसी तरह हो गई है , जाए तो जाए किधर , इधर कुआ उधर खाई । 
आखिर झुकना सरकार को ही पड़ा । रेल मंत्री ने रेल बजट में किराया बढ़ाया तो ममता बनर्जी ने सरकार को चीट्टी लिख रेल मंत्री को हटा कर अपनी पसंद का रेल मंत्री बनाने की धमकी दे डाली । अब सरकार ना माने तो ममता बहन बहुमत वापस ले लेती और शायद सरकार को अपना बहुमत खोना पद जाता । 

पर ममता जी अपने इस फैसले से जनता को क्या फायदा होगा , फायदा होना ही है तो मुकुल राय को होगा जिनको आप रेल मंत्री बनाना छह रहे है । आप ने तो खुद का स्वार्थ देखा , दिनेश त्रिवेदी को हटा कर मुकुल राय को रेल मंत्री बनाया तो फायदा तो आपके चहेते का ही होगा , आम जन को तो ठेंगा ही दिखाया ना । 

खैर ममता जी ऐसा करके आप ने यह तो साबित कर दिया की सरकार चलती है तो पश्चिम बंगाल से , आखिर सरकार को ममता जी के सामने सिर झुकना ही पड़ा । 

कल भी मंत्री को ही फायदा हुआ अब ममता जी के ऐसे कदम के बाद भी मंत्री ही खाएगा । 

जैसे मैंने कल कहाँ था की "सरकार चाहे कोई भी हो पीसना तो आखिर आम जन को ही है ।

ममता जी मंत्री बदलने से कौनसा किराया कम हो गया ।

मेरे मित्र ने कल कहा " यार राजू अबकी बार तो मैं flight से राजस्थान जाऊंगा "
मैंने कहा :- क्यूँ भाई कोई ऑफर है क्या या income बढ़ गई
तो उसने मुह लटका कर कहाँ :- ना तो कोई ऑफर है ना कोई income बढ़ी , बढ़ा है तो रेल का किराया , अब 4 महीने पहले बूकिंग कराओ तो शायद conform टिकिट मिले , और 4 महीने पहले ही flight का टिकिट बूक करवा दो तो 100 -200 ही ज्यादा लगेंगे , पर सफर flight का ही करूंगा ।

तभी हमारे चाचा जी आए और कहा जल्दी से डॉक्टर को बुला मेरा सर फटे जा रहा है ....
मैंने पूछा चाचा जी क्या हुआ , इतना हदबड़ाए क्यूँ हो ,
अरे क्या बताउ रेल का किराया सुन कर तो मैं बेहोश हो गया ।

खैर एक बात तो साफ हो गई कि देश का कि सरकार पश्चिम बंगाल से चल रही  है ।

एक गाना है "अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ भुला सकते नहीं , सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं "

यह एक सच्चा हिंदुस्तानी ही कह सकता है , वरना देखो आज के स्वार्थियों को जो यही कहेंगे " माय बाप सर झुका दूंगा ,जीतने जूते मारने मार दे पर मुझे देश को लूटने दे ।

एक प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के सामने सिर झुका देता है ।

यह है आज़ाद भारत ...
जय हिन्द !

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