Thursday 20 October 2011

इन्सान का चरित्र से गुणों का मेल है !


इन्सान का चरित्र ,निष्ठां , निस्वार्थ  भावना , समझ दृढ़ विश्वास , साहस, वफादारी और दूसरों की इज्ज़त करने जैसे गुणों का मेलजोल होता है !
कोई खुशनुमा , चरित्रवान व्यक्तित्व कैसा होता है !
  • उसका अपना एक स्थर होता है !
  • उसमे आत्मसंयम होता है !
  • वह संतुलित होता है !
  • उसमे अहंकार रहित दृढ़ता और आत्म विश्वास होता है !
  • वह दूसरो का ध्यानं रखता है !
  • वह बह्गाने नहीं बनता है !
  • वह जानता है कि शिष्टाचार ,और सलीके से पेश आने के लिए छोटी छोटी कुर्बानिय देनी पड़ती है !
  • वह अपनी पिछली गलती से सीखता है !
  • वह पैसे , या ऊँचे खानदान कि देन नहीं होता है !
  • वह अपने फायदे के लिए दूसरो को तबाह नहीं करता !
  • उसमे दिखावा नहीं , बल्कि असलियत होती है !
  • उसमे ऊँचे लोगो को सोहबत में रहने कि काबिलीयत तो होती ही है ,साथ  ही आम आदमी वाला अंदाज़ भी होता है !
  • उसके शब्दों में मिठास ,नजाए में हमदर्दी और मुस्कान में शराफत होती है !
  • उसमे अत्याचार के विरोध में खड़ा हो सकने वाला स्वाभिमान होता है !
  • वह अपने साथ और दूसरो के साथ सहज रहता है !
  • उसमे एक बात खास होती है ,जो उसे जितने वाली बढ़त दिलाती है !
  • वह चमत्कार करता है !
  • वह अदभुत उपलब्धिया हासिल करता है !
  • उसे पहचानना आसन है , लेकिन उसकी व्याख्या करना मुश्किल है !
  • वह जिम्मेदारी काबुल करता है !
  • वह विनम्र होता है !
  • वह जीत और हार दोनों परिस्थितियों में समानता बनाये रखता है !
  • वह भाग्य और प्रसिद्दी का मोहताज़ नहीं होता है !
  • वह कोई नेम प्लेट नहीं होता !
  • उसमे स्थिरता होती है !
  • उसे महसूस किया जा सकता है पर देखा नहीं जा सकता है !
  • वह चापलूस नहीं होता ,पर विनम्र और शिष्ट होता है !
  • उसमे उत्करिष्ठाता होती है , पर गरूर नहीं होता है !
  • उसमे आत्म अनुशासन और ज्ञान होता है !
  • वह जीतने पर दयाभाव और हारने पर समझदारी दिखाता है! 

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