Tuesday 25 October 2011

::तू जगमगाए तेरा दीप जगमगाए::

 
तू  जगमगाए  तेरा  दीप जगमगाए 

सरे जहां की खुशिया तेरे भी घर को आये
गंगा और यमुना सा निर्मल हो तेरा मन
अम्बर और धरा सा स्वच्छ हो तेरा तन  
इस नगर में तेरी ज्योति चमचमाए
तू जगमगाए तेरा  दीप  जगमगाए

अच्छे कर्मो से जग में नाम होगा तेरा
तेरी आहात से बुराइया लेंगी नहीं बसेरा
तेरे मरने के बाद भी लोग तेरा नाम गायें
तू जगमगाए तेरा दीप जगमगाए

मिट जाए अँधेरा जो तेरी डगर में आये
आये कभी न गम जो  देती चिंताए
नाम अमर हो तेरा एक तारा टिमटिमाये
तू  जगमगाए  तेरा  दीप  जगमगाए

दूर करना छुआछूत मंदिर मस्जिद का झगड़ा
कोई मरे ना  भूखा कोई रहे ना कंगाल
आने वाला कल तेरा नाम गुनगुनाये
तू  जगमगाए तेरा दीप  जगमगाए 
:-राजू सीरवी (राठौड़ )

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