Monday 31 October 2011

:: मुस्कान::

मुस्कान की कोई कीमत नहीं होती, मगर यह बहुत कुछ रचती है,
यह पाने वाले को खुशहाल करती है ,देने वाले का कुछ घटता नहीं ,
यह क्षणिक होती है लेकिन यह यादो में सदा के लिए रह सकती है ,
कोई इतना आमिर नहीं कि बगेर इसके बगैर काम चला ले ,
और कोई इतना गरीब नहीं कि इसके फायदे को न पा सके ,
यह घर में खुशहाली लाती है,व्यवहार में ख्याति बढाती है ,
और यह दोस्तों कि पहचान है |
यह थके हुए के लिए आराम है ,निराश लोगो के लिए रोशनी,
उदास के लिए सुनहरी धुप ,और हर मुस्किल के लिए
कुदरत की सबसे अच्छी दवा |
न तो यह भीख में ,न खरीदने से ,
न उधर मांगने से और न चुराने से मिलती है ,
क्योंकि यह एक ऐसी चीज़ है जो तब तक किसी के काम की नहीं ,
जब तक आप इसे किसी को न दे ,
दिन भर की भाग दौड़ में कुछ परिचित हो सकते है ,
कि इतने थके कि मुस्कुरा न सके |
तो उन्हें अपनी ही मुस्कान दीजिए |
किसी को मुस्कान कि उतनी जरुरत नहीं होती जितनी कि उसे ,
जो खुद किसी को अपनी मुस्कान न दे सके |

:-राजू सीरवी (राठौड़)

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